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भारत का गौरवशाली इतिहास

भारत का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है लेकिन अंग्रेजों के गुलामी के कारण उन इतिहासों को भारतीयों के सामने तोड़ मरोड़ कर पढाया जा रहा है। 1947 में भारत की आजादी मिलने के बाद हमारे गुलामी के इतिहास को ही बताकर पढाया जाता रहा है। अंग्रेज नहीं आते तो भारत का इतिहास खोजा नहीं जाता यहाँ तक कहा जाता रहा कि भारत के लोगों को इतिहास नहीं लिखने आता है। भारत एक टुकड़े टुकड़े में बाँट था अंग्रेजों ने आकर एक किया है। आज भी ऐसे बहुत सी बातों से हमारा इतिहास भरा हैं। किसी भी देश की आने वाले पीढ़ी को उनके पूर्वजों के इतिहास से वंचित कर दिया जाय। वह नई पीढ़ी अपने इतिहास को भूल जाते है, ऐसा ही भारत में भी हुआ। आजादी के बाद भारत में कई शिक्षा मंत्री मुस्लिम थे। इस कारण स्वतंत्र भारत के शिक्षा व्यवस्था अपने भारत के अनुसार लिखा जाना चाहिए, नहीं हो सका  लेकिन अब जाकर UGC ने शुरुआत किया है। भारत का गौरवशाली इतिहास [https://ramashanker62.blogspot.com/2021/03/blog-post_30.html] --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/ramashanker-pandey/message

08. juli 2021 - 9 min
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आपातकाल 1975 - लोकतंत्र की हत्या

25 जून 1975 को देश में इंदिरा गाँधी द्वारा आपातकाल घोषित किया गया था। भारत में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत [https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4] में आपातकाल घोषित था। तत्कालीनराष्ट्रपति [https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4_%E0%A4%95%E0%A5%87_%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A4%BF] फ़ख़रुद्दीन अली अहमद [https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%96%E0%A4%BC%E0%A4%B0%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%A8_%E0%A4%85%E0%A4%B2%E0%A5%80_%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A4%A6] ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री [https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80] इन्दिरा गांधी [https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%87%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BE_%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A7%E0%A5%80] के कहने पर भारतीय संविधान [https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%A8] की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। "आपातकाल" इस दिन को भारत वर्ष में काले अध्याय के रूप में जाना जाता है। भारत में लोकतंत्र के उदय के 27 वर्ष में ही, लोकतंत्र की जघन्य हत्या किया गया था। इसके लिए केवल कांग्रेस पार्टी तथा श्रीमती इंदिरा गाँधी ही जिम्मेदार थी। श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा अपने विरोधियों को समाप्त करने हेतु तथा संविधान द्वारा सामान्य नागरिक को मिले मौलिक अधिकार खत्म, प्रेस पर प्रतिबन्ध तथा आगामी आदेश तक सभी चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/ramashanker-pandey/message

25. juni 2021 - 7 min
episode छत्तीसगढ़ के घोर नक्सली क्षेत्र में पुलिस सिलगेर कैम्प का विरोध, 28 दिनों से चल रहा आन्दोलन खत्म, कही छत्तीसगढ़ शासन के लिए नासूर न बनजाये artwork
छत्तीसगढ़ के घोर नक्सली क्षेत्र में पुलिस सिलगेर कैम्प का विरोध, 28 दिनों से चल रहा आन्दोलन खत्म, कही छत्तीसगढ़ शासन के लिए नासूर न बनजाये

छत्तीसगढ़ के घोर नक्सली क्षेत्र सुकमा और बीजापुर के बीच में सिलगेर कैंप में 17 मई को हुई, फायरिंग में 3 लोग मारे गए थे। जब 40 गाँव से लगभग 3 हजार ग्रामीण सिलगेर में स्थापित किए जा रहे, पुलिस कैंप का विरोध करने पहुंचे थे। छत्तीसगढ़ के सुरक्षाबल लगातार बस्तर के हार्डकोर नक्सली इलाकों में कैंप स्थापित कर रहे हैं। पुलिस की बाते मानें तो नक्सलियों के दबाव में ग्रामीण इन कैंप का विरोध कर रहे हैं, यह बात सत्य भी है। 17 मई को भी इसी तरह 3 हजार के लगभग ग्रामीण सिलगेर में स्थापित हो रहे कैंप का विरोध करने पहुंचे थे। इसी बीच अचानक आंदोलन उग्र हुआ और ग्रामीण कैंप के अंदर घुसने की कोशिश करने लगे। ग्रामीणों ने कैंप पर पत्थरबाजी शुरू कर दी, साथ ही तीर भी बरसाने लगे। वहा पर उपस्थिति पुलिस के अनुसार ग्रामीण इतने आक्रामक हो गए थे कि उन्होंने कैंप के बेरिकेड को तोड़ने की कोशिश की। इसी दौरान ग्रामीणों के बीच में छुपे नक्सलियों ने पुलिस पर फायरिंग किये जाने के बाद, फिर दोनों ओर से गोलीबारी हुई थी। इस गोलीबारी में तीन ग्रामीण की मौत हुई,  तथा मचे भगदड़ में एक महिला घायल हो गई, जिसकी बाद में मौत हो गई, 5 अन्य ग्रामीण घायल भी हुए। इसके अलावा 13 डीआरजी और 6 सीआरपीएफ के जवान भी घायल हुए थे। मामले में 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है। छत्तीसगढ़ के घोर नक्सली क्षेत्र में पुलिस सिलगेर कैम्प का विरोध | 28 दिनों से चल रहा आन्दोलन खत्म, कही छत्तीसगढ़ शासन के लिए नासूर न बनजाये [https://ramashanker62.blogspot.com/2021/06/CRPF%20security%20camp%20near%20Silger%20village%20in%20Chhattisgarh.html] --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/ramashanker-pandey/message

20. juni 2021 - 6 min
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मेवाड़ के हिन्दू शासक महाराणा प्रताप, जिनके नाम लेने से शरीर का रोम रोम खड़े हो जाते है -

भारत वीरों के भूमि है। भारतीय इतिहास अनेकों वीरों से भरा पड़ा है, ऐसे ही वीरों के वीर महाराणा प्रताप भी है।  जिनके नाम मात्र से शरीर का रोम रोम खिल उठता है, ऐसा लगा है कि अभी तलवार उठा लिया जाये। महाराणा ने अपनी मेवाड़ का स्वाभिमान को कभी नहीं छोड़ा समय का इंतजार किये अपनी तैयारी करते रहे अपने धर्म संस्कृति से केसरिया बाना सर्वोच्च स्थान दिये अपनी मातृभूमि के लिए सब कुछ त्याग दिया । मुग़ल न तो महाराणा प्रताप को पकड़ सके और न ही मेवाड़ पर पूर्ण आधिपत्य जमा सके। हल्दीघाटी के युद्ध के बाद मुगलों का कुम्भलगढ़, गोगुंदा, उदयपुर और आसपास के ठिकानों पर अधिकार हो गया था। केवल 7000 की सेना लेकर निराशा से आशा की और भगवान एकलिंगजी ने फिर से कृपा मिला ।  लेकिन इतिहास में दर्ज है कि 1576 में हुए हल्दीघाटी युद्ध के बाद भी अकबर ने महाराणा को पकड़ने या मारने के लिए 1577 से 1582 के बीच करीब एक लाख सैन्यबल भेजे। अंगेजी इतिहासकारों ने लिखा है कि हल्दीघाटी युद्ध का दूसरा भाग जिसको उन्होंने 'बैटल ऑफ दिवेर' कहा है, मुगल बादशाह अकबर के लिए एक करारी हार सिद्ध हुआ था। Edit Post ‹ रमाशंकर — WordPress.com [https://wordpress.com/post/ramashanker.wordpress.com/152] --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/ramashanker-pandey/message

16. mai 2021 - 7 min
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‘बुद्ध मुस्कराए’ भारत का पोखरण में परमाणु परीक्षण 11 मई 1998 आपरेशन शक्ति

भारत के प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी ने अपने निवास 7 रेसकोर्स पर सभी विदेशी मीडिया को प्रेस कांफ्रेस (पत्रकार वार्ता) के लिए बुलाया। ठीक समय के 5 बजे पत्रकार वार्ता शुरू हुआ, प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाहर आये और उन्होंने सभी मीडिया के सामने कहा कि -- आज भारत 3.45 मिनट पर भारत ने पोखरण में तीन भूमिगत परमाणु परीक्षण किया है। यह खबर दुनिया के लिए धमाका ....था । यह घटना11 मई 1998 को पांच प्रकार के परमाणु परीक्षण किए, जो सभी सफल रहा है।हम परमाणु हथियारों का प्रयोग पहले किसी भी देश पर नहीं करेंगे और अबतक हमारे वैज्ञानिकों को जितना भी परमाणु परीक्षण करना था, उन्होंने कर लिया है।अब हम यह परमाणु परीक्षण कार्यक्रम बंद कर रहे हैं। Ramashanker: ‘बुद्ध मुस्कराए’ भारत का पोखरण में परमाणु परीक्षण 11 मई 1998 आपरेशन शक्ति (ramashanker62.blogspot.com) [https://ramashanker62.blogspot.com/2021/05/11-1998.html] --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/ramashanker-pandey/message

12. mai 2021 - 9 min
Enkelt å finne frem nye favoritter og lett å navigere seg gjennom innholdet i appen
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