Teen Taal

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Teen Taal is a witty, comedy oriented Hindi podcast where three musketeers Kamlesh Kishore Singh, Panini Anand and Kuldeep Mishra talk about various issues with a pinch of humour and fun. The topic of conversation varies from politics, Indian society, jokes, Viral stuff on social media, food, movies and many more. Catch your share of fun every Saturday. इस पॉडकास्ट के नायक और खलनायक हैं,तीन तिलंगे- कमलेश किशोर सिंह, पाणिनि आनंद और कुलदीप मिश्र. ये तीनों लोग हफ़्ते की घटनाओं पर अतरंगी अंदाज़ में बातें करते हैं, ठहाकों के साथ और अपने अपने biases के साथ. ये पॉडकास्ट सबके लिए नहीं है. जो घर फूंके आपना, सो चले हमारे साथ. यानी वही लोग सुनें जिनका आहत होने का पैरामीटर ज़रा ऊंचा हो. हर शनिवार, आज तक रेडियो पर. जय हो.

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27 Episoder
episode ज़बरदस्ती का जस्टिस, मधुर हॉर्न की समस्याएँ और आलू कचालू का घमासान : तीन ताल, Ep 52 artwork
ज़बरदस्ती का जस्टिस, मधुर हॉर्न की समस्याएँ और आलू कचालू का घमासान : तीन ताल, Ep 52

तीन ताल के 52वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि 'बाबा' और कुलदीप 'सरदार' से सुनिए: -निक़ाह और विवाह में छिपी आह और मैरेज के रेज पर ताऊ की राय. बाबा ने क्यों कहा कि अब नवरात्र में वो उत्साह कहाँ. -कोई त्योहार हर साल कुछ दिन आगे-पीछे क्यों हो जाता है? और क्या हो अगर होली नवम्बर में पड़े. -बाबा को लखीमपुर खीरी की कौन सी दो मिठाईयाँ याद आयीं? दो ध्रुवों में बंट चुके समाज के बीच में ताऊ को वहाँ क्या नज़र आता है और और सरदार ने किस बात पर कहा कि 'हमारा लड़का है ये इम्पोर्टेन्ट है'. -इस्तीफा देने की नैतिकता को किसकी नज़र लग गयी? लोग बदला न लें तो क्या करें? -हॉर्न अगर मधुर हो जाए तो क्या सबकुछ गड्डमड्ड हो जाएगा? ताऊ और बाबा के हॉर्न के साथ अनुभव और ताऊ क्यों कई बार बिना हॉर्न बजाए भी लम्बी यात्रा कर लेते हैं? भारत के लोगों को हॉर्न बजाने की आदत किस गाड़ी की वजह से पड़ी. -अलार्म जिसे लगाता है एक आदमी और जिसे सुन के दौड़ता है दूसरा आदमी. ताऊ का स्नूज़ अलार्म और बाबा का बॉडी क्लॉक. किस तरह अलार्म ने सरदार के कुछ पसन्दीदा गाने उनसे छीन लिए. -न्योता वाले श्रोता में एक चिट्ठी जिसे तीन लोगों ने मिलकर लिखा है और उनके ताऊ, बाबा और सरदार से सवाल-जवाब. मसलन, आसमान में क्या निहारते थे बचपन में. बाबा फ़ैज़ की किस पंक्ति पर घण्टो व्यख्यान दे सकते हैं और आलू-कचालू पर घमासान. -देहाती खेलों के किस्से सुनने के लिए नीचे दिए गए क्लिक पर क्लिक करें- https://podcasts.aajtak.in/comedy/teen-taal/politics-over-bengal-election-and-zomato-delivery-boy-case-1222847-2021-03-15 [https://podcasts.aajtak.in/comedy/teen-taal/politics-over-bengal-election-and-zomato-delivery-boy-case-1222847-2021-03-15] प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी साउंड मिक्सिंग ~ सचिन द्विवेदी अपनी पसंद के पॉडकास्ट सुनने का आसान तरीक़ा, हमें सब्सक्राइब करेंयूट्यूब [https://www.youtube.com/AajTakRadio]औरटेलीग्राम [https://t.me/aajtakradio]पर. फेसबुक पर जुड़ने के लिएयहां क्लिक करें [https://www.facebook.com/aajtakradio].

09. okt. 2021 - 1 h 48 min
episode कन्हैया बनने के टिप्स, सिक्कों के क़िस्से और अक्टूबर का कनफ़्यूजन : तीन ताल, Ep 51 artwork
कन्हैया बनने के टिप्स, सिक्कों के क़िस्से और अक्टूबर का कनफ़्यूजन : तीन ताल, Ep 51

तीन ताल के 51वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि 'बाबा' और कुलदीप 'सरदार' से सुनिए: - तीन ताल के श्रवण जयंती एपिसोड के बाद सरदार हुए भावुक. बिटिया के ब्याह के बाद की उदासी. - ठोको ताली वाले सरदार और तीन ताल के सरदार के बीच का फ़र्क़. क्यों अक्टूबर को कमबख्त कहने का मन नहीं करता और अक्टूबर आठवां महीना है या दसवाँ. - गाँधी के आदर्शवाद की समस्याएँ.  ताऊ ने गाँधी को क्यों 'देवता' कहा और सरदार ने क्यों 'जंक्शन' कहा? - इंटरनेशनल पॉडकास्ट डे के बहाने ताऊ, बाबा और सरदार की पॉडकास्ट यात्रा और कुछ पॉडकास्ट के सुझाव. साथ ही नेताओं को डांस करना चाहिए या नहीं, इस पर ताऊ और बाबा में गहरी असहमति. - सुबह जेएनयू, शाम को कांग्रेस. वामपंथियों की आख़िरी शरणस्थली कांग्रेस क्यों है? - ताऊ ने क्यों कहा कि राहुल गांधी वामपंथी विचारक जैसे नज़र आते हैं? -प्रेम विवाह का निपटारा सिक्का उछालकर करने वाली पंचायत से ताऊ की सहमति. सिक्कों की यादें,आकर्षण और खनखनाहट. -ताऊ का फ़लसफ़ा, क्यों सिक्का उछालकर जीवन के फ़ैसले लेना सबसे बेहतर. गुल्लक से सिक्का निकालने का सही तरीका क्या? सबसे खूबसूरत सिक्के कहाँ के. -बिज़ार ख़बर में सेब सा दिखने और केलों सा ज़ायक़ा देने वाले आमों पर बात.  राजनीति के पके और अनपके आम. सरदार को आई देरिदा की याद और ताऊ की कविता - आम आदमी है या आदमी ही आम है. -न्योता वाले श्रोता में गुमला से लेकर अमरीका तक की चिट्ठी. उस श्रोता को प्यार जिन्होंने दिया तीन ताल को 'हेराफेरी' का नाम. भय का निदान और बिड़ला होस्टल की याद. प्रड्यूसर: शुभम तिवारी साउंड मिक्सिंग: सचिन द्विवेदी अपनी पसंद के पॉडकास्ट सुनने का आसान तरीक़ा, हमें सब्सक्राइब करेंयूट्यूब [https://www.youtube.com/AajTakRadio]औरटेलीग्राम [https://t.me/aajtakradio]पर. फेसबुक पर जुड़ने के लिएयहां क्लिक करें [https://www.facebook.com/aajtakradio].

02. okt. 2021 - 2 h 0 min
episode श्रवण जयंती पर तीन तालियों के मज़ेदार सवाल, मीडिया के सूत्र और सोमवार की मनहूसियत: तीन ताल, Ep 50 artwork
श्रवण जयंती पर तीन तालियों के मज़ेदार सवाल, मीडिया के सूत्र और सोमवार की मनहूसियत: तीन ताल, Ep 50

तीन ताल के 50वें (श्रवण जयंती) एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि 'बाबा' और कुलदीप 'सरदार' से सुनिए: -पिछले एपिसोड में इंजीनियरों को हौंकने पर बाबा पर चलें प्रतिक्रियाओं के बाण. बाबा ने किसे किया तीन ताल का जामवन्त मनोनीत और ताऊ ने किस प्रख्यात समाजसेवी और विचारक की बात कहकर तीन ताल के तकरीबन साल भर के सफ़र को किया याद? -तीन लोगों की ताल कैसे बन गयी तीन ताल? ताऊ और बाबा एक दूसरे को क्यों छेड़ते हैं? -श्रवण जयंती पर आई चिट्ठियों के बहाने शहरों के नाम, संयुक्त और एकल परिवारों की करुण कथा का ज़िक्र. मीडिया के सूत्र क्यों कमज़ोर हुए और सूत्रों के मर जाने से देश का कितना बुरा हुआ? -ठोकर नहीं खाया तो क्या खाया और क्या सच में समय का अभाव हो गया है? नई पीढ़ी पर संदेह करें या उनसे सीखें और मोबाइल नम्बरों से लोगों की पहचान करते ताऊ, बाबा और सरदार. -और, तीन ताल में पहली बार न्योता वाले श्रोताओं से ताऊ, बाबा और सरदार की लाइव गपशप. बतरस में शामिल हुए भदोही, लन्दन, अहमदाबाद, बनारस और जम्मू के श्रोता. उनके अनुभव और सुझावों पर बाबा और ताऊ का टेक. प्रड्यूसर: शुभम तिवारी साउंड मिक्सिंग: अमृत रेगी अपनी पसंद के पॉडकास्ट सुनने का आसान तरीक़ा, हमें सब्सक्राइब करेंयूट्यूब [https://www.youtube.com/AajTakRadio]औरटेलीग्राम [https://t.me/aajtakradio]पर. फेसबुक पर जुड़ने के लिएयहां क्लिक करें [https://www.facebook.com/aajtakradio].

25. sep. 2021 - 2 h 19 min
episode iPhone की तेरहवीं, इंजीनियर दिखते क्यों नहीं और उपमुख्यमंत्रियों की दिक़्क़तें : तीन ताल, Ep 49 artwork
iPhone की तेरहवीं, इंजीनियर दिखते क्यों नहीं और उपमुख्यमंत्रियों की दिक़्क़तें : तीन ताल, Ep 49

तीन ताल के 49वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि 'बाबा' और कुलदीप 'सरदार' से सुनिए: -रेडियो के सामने खड़े होकर जॉर्ज पंचम को सुनने का दर्द और दुविधा. 2021 में कैसे छा गए हैं पंचम दा? -ताऊ ने क्यों कहा आईफोन का 'तेरहवाँ' संस्करण एकदम ख़तम रहा? ताऊ कैसे आईफोन से 'अनहैपिली मैरिड' हैं? -विश्वकर्मा पूजा और उसकी विशुद्ध भारतीयता पर बात. इंजीनियर को क्यों कोई क्रेडिट नहीं देता? क्यों इंजीनियर स्टैंड अप कमेडियन हो जाते हैं? -उप, वाइस और डेप्युटी लोगों की समस्याओं पर बात. 'उप' वाले पदों का सांत्वना पुरस्कार. उपमुख्यमंत्री, उपाध्यक्ष और उपप्रधानमंत्री होने की समस्याएँ. उपराष्ट्रपति क्यों इन तमाम 'उपों' से अलग हैं? -गुलाब जामुन में रम इंजेक्ट कर खाने वालों को बाबा की सलाह.  ताऊ ने क्यों इसे वैक्सीन कहा? कैसे गुलाब जामुन सुविधा की और तीन महीने की मिठाई है. -हेमन्त सोरेन के एक बयान के बहाने इस पर चर्चा कि कितना अंतर और समानता है बिहार और झारखण्ड में? भोजपुरी और मगही भाषी लोगों पर 'हेमन्त भाई' का उद्वेलित होना कितना सही और ज़ायज़? -बिज़ार ख़बर में ग़लत पते पर पहुँचे पैसे को चंपत कर जाने वाले भाई साहब.  क्यों ताऊ और बाबा लॉटरी न लगने से ख़ुश हैं? -पेड़े कहाँ के बेहतर? देवघर, मलवा, बनारस, रायबरेली या मथुरा के? -न्योता वाले श्रोता को ताऊ ने क्यों कहा कि 'मैं छुपाता नहीं हूँ, बताता हूँ पर बताता हूँ ये नहीं बताता हूँ' . बाबा ने क्यों ताऊ को धोनी, सरदार को रोहित शर्मा और खुद को विराट कोहली बताया? प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी साउंड मिक्सिंग ~ अमृत रेगी अपनी पसंद के पॉडकास्ट सुनने का आसान तरीक़ा, हमें सब्सक्राइब करेंयूट्यूब [https://www.youtube.com/AajTakRadio]औरटेलीग्राम [https://t.me/aajtakradio]पर. फेसबुक पर जुड़ने के लिएयहां क्लिक करें [https://www.facebook.com/aajtakradio].

18. sep. 2021 - 1 h 47 min
episode ख़ाक-ए-नशेमन को बोसे क्यों, तालिबानियों का खोया बचपन और हिंदी का हास्य: तीन ताल, Ep 48 artwork
ख़ाक-ए-नशेमन को बोसे क्यों, तालिबानियों का खोया बचपन और हिंदी का हास्य: तीन ताल, Ep 48

तीन ताल के 48वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि 'बाबा' और कुलदीप 'सरदार' से सुनिए: - ताऊ और सरदार के 'महँगे' माइक पर बाबा का जनेऊनुमा इयरफोन कैसे हावी? - बाबा, ताऊ और सरदार के फेसबुक, ट्विटर और व्हॉट्सऐप बायो की बातें. क्या हर कव्वाली ग़ज़ल है? ताऊ ने क्यों कहा कि अज़ीज़ मियाँ क़व्वाली में धमकी देते है? -ताऊ का लोहगढ़ और चम्बल के पानी से कनेक्शन. 'मैंने खाक ए नशेमन को बोसे दिए' के मोह में 'सरदार' की खुद को खोने की ख्वाहिश. ताऊ ने किस तरह 'रिवेंज' की प्रवृत्ति को काबू किया? -पत्रकारिता मुश्किल पेशा क्यों और बाबा की रिपोर्टिंग के उद्वेलित करने वाले किस्से. - धर्म को ध्यान से पढ़ने वाले लोग नास्तिक क्यों हो जाते हैं? -तालिबान से आ रही कौन सी तस्वीरों को ताऊ ने उम्मीदों भरा बताया. झूला झूलते तालिबानियों में बच्चा खोजते ताऊ. -अफ़ीम का धंधा और धर्म की सत्ता के बीच का साम्य. इस्लाम में शराबबंदी कैसे आई? इस्लाम की सबसे पुरानी जंग 'बैटल ऑफ बदर' की कहानी. -ताऊ ने क्यों कहा कि तालिबान के लिए बहुत मुश्किल होगा देश चलाना? -पितृपक्ष से पहले हिन्दी पर बात. खड़ी हिन्दी क्यों हिन्दी नहीं? और भारत की हिन्दी का क्यों एक दिवस नहीं हो सकता. बॉलीवुड की भाषा क्या है? - क्या 'खड़ी' हिन्दी ने आँचलिक भाषाओं को दबा दिया? इसके पीछे किसकी चाल? लखनऊ को क्यों हिन्दी पसन्द. अनुवाद की अड़चन. - 'अ बिगनिर्स गाइड टू हिन्दी' में ताऊ और बाबा की पसंद की कुछ हिंदी किताबें जो दसों दिशाओं से आपकी मुलाकात करायेंगी. -बिज़ार ख़बर में ख़ुद को मुकेश अम्बानी का दामाद बताने वाले दुबे जी को क्यों ताऊ ने कमाल कहा? दुबे जी का उपहास क्यों जायज़ नहीं. अभिनेताओं और नेताओं से 'शाद्यातुर' लोग. -अच्छी बातें ईश्वर से और गन्दी बातें पादरी से करने वाला समाज और ताऊ ने किस बात पर लिया 'साईं ऑफ रिलीफ'. - तीन ताल के ढेर सारे श्रोताओं की चिट्ठियां. कहीं सहमति तो कहीं असहमति. और तीन ताल के स्वर्ण जयंती एपिसोड को क्यों ताऊ और बाबा ने 'श्रवण जयंती एपिसोड' का नाम दिया? और उसके लिए 'तीन तालियों' को निमंत्रण, -तीन ताल के पक्के वाले पंखे, 'तीन तालिये' नाम के whatsapp ग्रुप में शामिल होने के लिए नीचे दिया गया लिंक चटकाएं https://chat.whatsapp.com/H1IH48xr8lg05OZTckVDv7 प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी साउंड मिक्सिंग ~ कपिल देव सिंह

11. sep. 2021 - 2 h 1 min
Enkelt å finne frem nye favoritter og lett å navigere seg gjennom innholdet i appen
Liker at det er både Podcaster (godt utvalg) og lydbøker i samme app, pluss at man kan holde Podcaster og lydbøker atskilt i biblioteket.
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